उसे भी दर्द है शायद बिछड़ने का,
गिलाफ वो भी बदलती है रोज तकिए का…!
Category: जिंदगी शायरी
वो तब भी थी
वो तब भी थी
अब भी है और
हमेशा रहेगी
ये मोहब्बत है ….
पढाई नही जो पूरी हो जाए…..
उजागर हो गई
उजागर हो गई होतीं वो करतूतें सभी काली,
ख़बर को आम होने से मगर अखबार ने रोका
कभी ये लगता है
कभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ
कभी ये लगता है अब तक तो कुछ हुआ भी नहीं
जब तक बिके न थे
जब तक बिके न थे हम, कोई हमें पूछता न था,
तूने खरीद के हमें, अनमोल कर दिया |
मेरी वफ़ा का
मेरी वफ़ा का कभी इम्तिहान मत लेना
की मेरे दिल को तेरे लिए हारने की आदत है…..
मुझे कुछ नहीं कहना….
मुझे कुछ नहीं कहना……..बस इतनी गुज़ारिश है.. मुझे तुम उतने ही मिल जाओ जितने याद आते हो…
एक वो दिन
एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का,
एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
ऐ ग़ालिब तू शोर न कर….
रजामंद तुझे भी किया जायेगा….
फरमाईस बता तेरी क्या है
पैमाने-जाम तुझे भी दिया जायेगा……..
हवा के हौसले
हवा के हौसले ज़ंजीर करना चाहता है
वो मेरी ख़्वाहिशें तस्वीर करना चाहता है|