हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये ,
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये ,
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके !!
देश कुछ इस तरह भी बदलने लगा है कि….
लोग गाय चराने में “शर्म”और…
कुत्ता घुमाने में “गर्व”करने लगे हैं…!!
रोटियों का स्वाद कुछ ‘बेहतर’ लगा..
आज खेतों में एक किसान को ‘मेहनत’ करते देखा था..!!
फासला और फैसला बड़ा एहमियत
रखते है जिंदगी में!
एक ज्यादा दूसरा गलत हर रिश्ता
तोड़ देता है!!
आसमां में मत दूंढ अपने सपनो को,
सपनो के लिए तो ज़मी जरूरी है,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मज़ा,
जीने के लिये एक कमी भी जरूरी है
कारवां – ए – जिदंगी हसरतों के सिवा कुछ भी नही ,
ये किया नही , वो हुआ नही , ये मिला नही, वो रहा नही
जिंदगी का सफर कुछ यू तय हुआ…
की समझ नहीं आता की जिंदगी थी या मुट्ठी में भरी रेत…
ख्वाब जो सलीके से तह कर रखे थे,
मैने दिल की आलमारी में उनमे सिलवटें पड़ने लगी हैं,
शायद इसलिये क्यूंकि इन पर
पापा के डाँट की इस्त्री नहीं चलती अब…!!!
अंदर ही अंदर टूट जाते है घर,
मकान खड़े के खड़े रह जाते है बेशर्मों की तरह…!!!
अपनो की कोई बात बुरी लगे तो आप खामोश हो जाईए,
अगर वह अपने है तो समझ जाएंगे,
अगर ना समझे तो आप समझ लेना,
की वह अपने थे ही नही…