बच्चे झगड़ रहे थे मोहल्ले के जाने किस बात पर,
सूकून इस बात का था न मंदिर का ज़िक्र था न मस्जिद का.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बच्चे झगड़ रहे थे मोहल्ले के जाने किस बात पर,
सूकून इस बात का था न मंदिर का ज़िक्र था न मस्जिद का.
Insaan sochta Hai k Paisa Aye To ,
Mai Kuchh Kar K Dikhau,
Aur
Paisa Sochta Hai K
Tu Kuchh Kar K Dikha To,
Mai Aau.
ज़िन्दगी तेरे जज़्बे
को सलाम !!
पता है कि मंज़िल
मौत है ….
फिर भी दौड़ रही है ….!!!!
हर कोई चाहता है कि सब उसकी
तारीफ़ करें
पर ?
यह इच्छा अंतिम संस्कार वाले दिन ही पूरी होती है
तब तक कमाओ…जब तक “महंगी” चीज “सस्ती” ना लगने लगे !
चाहे वो सम्मान हो या सामान….!!
sabar rkhho bahut jald hi mehsoos hoga….tumhe ..
mera hona kya tha our mera naa hona kya hei…
आपने तीर चलाए तो कोई बात नहीं,
हमने जख्म दिखाए तो बुरा मान गए।
Jo Khoya Hai Us Ka Ghum Nahi!
“Lekin Jo Paaya Hai Wo Kisi Sey Kam Nahi!
Jo Nahi Hai Wo Ek Khawab Hai
Aur
Jo Hai Wo Lajwab Hai………
Kismat Pehle Hi Likhi Ja Chuki Hai ….
to
Koshish Karne Se Kya Milega?
सबसे आसान कामों में से एक है हिन्दू और मुसलमान बन जाना !
सबसे मुश्किल कामों में से एक है एक अच्छा और नेक दिल इंसान बन जाना!!