मुद्तों के बाद उसको किसी के साथ खुश देखा तो एहसास हुआ …
काश की उसको बहुत पहले हे छोड़
दिया होता
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुद्तों के बाद उसको किसी के साथ खुश देखा तो एहसास हुआ …
काश की उसको बहुत पहले हे छोड़
दिया होता
शिकायत है उन्हें कि,
हमें मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है,
पर इसे शिकायत करना नहींआता….
नाप तोल के क्या जिना यारो…
जिन्दगी और बनिये की दुकान में
कुछ फर्क तो करो ……..
पहले मैं होशियार था इसलिए दुनिया बदलने चला था,
आज मैं समझदार हूँ इसलिए खुद को बदल रहा हूँ।।
मोहब्बत की हद इस से बढ़कर और क्या होगी,
दिल जानता है तेरे फरेब को और उनको पूरा करने में मदद तेरी करता है॥
उसने पूछा…
कोई आखिर ख़्वाइश… ?
ज़ुबान पे फिर ” तुम ” आ गया….!!
Na Milne Ki Khushi,
Na Judai Ka Gam,
Na Udas Na Tanha Hai Hum,
Kaise Kahe Kaise Hai Hum,
Bas Itna Samajh Lijiye,
Aapke Bina Bahut Akele Hai Hum!!!
सुंदरता हो न हो
सादगी होनी चाहिये.
खुशबू हो न हो
महक होनी चाहिये.
रिश्ता हो न हो
बंदगी होनी चाहिये.
मुलाकात हो न हो
बात होनी चाहिये.
यु तो हर कोई उलझा है अपनी उलझनों मे
सुलझन हो न हो
सुलझाने कि कोशिश होनी चाहिये.
ठोकरें खा कर भी ना संभले
तो मुसाफ़िर का नसीब,
वरना पत्थरों ने तो
अपना फर्ज़ निभा ही दिया…..
दुनियाँ की हर चीज़ ठोकर लगने से टूट
जाती है। एक “कामयाबी” ही है,
जो ठोकर खाकर ही मिलती है।
अफसोस होता है तेरे बदल जाने का मगर, तेरी कुछ बातो ने मुझे जीना सीखा दिया