सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा ,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है.
Category: गुस्ताखियां शायरी
कितना मुश्किल है ज़िन्दगी
कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र; खुदा ने मरना हराम किया, लोगों ने जीना!
जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक
जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक किसने दी है? अगर ‘इश्क’ हो तो कहना, अब दिल यहाँ नही रहता.
जिन्दगी में मंजिले तो मिल ही जाती हैं
जिन्दगी में मंजिले तो मिल ही जाती हैं ,बस वो लोग नहीं मिलते जिन्हें इस दिल ने चाहा हो .
फ़िक्र तो तेरी आज
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते हैं ,बस जिक्र करने का हक़ नही रहा.
बारिश में भी “आरक्षण” होना चाहिए
बारिश में भी “आरक्षण” होना चाहिए।
जनरल के घर 9 इंच
OBC के घर 18 इंच
ST SC के यहाँ 36 इंच
नेता के घर बादल फट जाय।।।
एक पुत्र ने दो खूबसुरत पंक्तियां लिखी
एक पुत्र ने दो खूबसुरत पंक्तियां लिखी
पिता की मौजदगी सूरज की तरह होती है,
सूरज गरम जरुर होता है पर अगर न हो तो अँधेरा छा जाता है|
जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो..
जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो..
तो वहाँ खुद को समझा लेना चाहिए…
टूट जायेगी तुम्हारी ज़िद की
टूट जायेगी तुम्हारी ज़िद की
आदत उस दिन!
जब पता चलेगा की याद करने वाला अब याद बन गया..!!
तुझे याद न करना अब मेरे बस में कहाँ
तुझे याद न करना अब मेरे बस में कहाँ,
दिल को आदत है हर धड़कन पर तेरा नाम लेने की…!!