कोई पूछे मेरे बारे में,
तो कह देना इक लम्हा था जो गुज़र गया।
कोई पूछे तेरे बारे में,
मैं कह दूंगा इक लम्हा था जो मैं जी गया।
Category: गुस्ताखियां शायरी
जिंदगी किसने बरबाद की
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की ,
हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली…
बैठें तो किस उम्मीद पर
बैठें तो किस उम्मीद पर बैठे रहे यहाँ,
उठे तो उठ के जायें कहाँ तेरे दर से हम।
बस इतनी दाद देना
बस इतनी दाद देना बाद मेरे मेरी उल्फत की,
कि याद आऊँ तो अपने आपको प्यार कर लेना।
इश्क कर लीजिए
इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से;
एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती!!
काश तू सुन पाता
काश तू सुन पाता खामोश सिसकियाँ मेरी,,,
आवाज़ कर के रोना तो मुझे आज भी नहीं आता!
तुम्हें भूले पर
तुम्हें भूले पर तेरी यादों को ना भुला पाये;
सारा संसार जीत लिया बस एक तुम से ना हम जीत पाये;
तेरी यादों में ऐसे खो गए हम कि किसी को याद ना कर पाये;
तुमने मुझे किया तनहा इस कदर कि अब तक किसी और के ना हम हो पाये।
तेरे हर ग़म को
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ;
ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ;
मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी;
सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ।
हमारे बिन अधूरे तुम
हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे,
कभी चाहा था किसी ने,तुम ये खुद कहोगे..
हाल ऐ दिल भी
हाल ऐ दिल भी न कह सके तुझसे…तू रही मुद्दतो करीब मेरे…