बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने,
अपनी आँखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर..
Category: गुस्ताखियां शायरी
मैं लिखता हुं
मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए….
वर्ना
जिसपर प्यार का असर नही हुआ
उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा..
चित्रकार तुझे उस्ताद
चित्रकार तुझे उस्ताद मानूँगा,….
दर्द भी खींच मेरी तस्वीर के साथ…
मतलब की बात
मतलब की बात सब समझते हैं लेकिन बात का मतलब कोई नहीं समझता ।
अंदर से तो
अंदर से तो कब के मर चुके है हम
ए मौत तू भी आजा, लोग सबूत मांगते है..!!!!
ज़िंदगी आगे भाग रही है
ज़िंदगी आगे भाग रही है और वक़्त पीछे छूट जा रहा है,
और साथ ही छूट रहा है हर वो हक़
तुम्हें याद करने का,
तुम्हें सोचने का,
तुम्हें जीने का!
दुनिया चाहती है हम तुम्हें याद न करें,
तुम्हारा नाम न लें,
सही कहते हैं…
आख़िर चाहती तो तुम भी यही थी!”
काश कोई हम
काश कोई हम पर भी
इतना प्यार जताती
पिछे से आकर वो
हमारी आंखो को छुपाती
हम पुछते कौन हो तुम?
और वो हस कर खुद को हमारी जान बताती|
सादा सा एक वादा है
सादा सा एक वादा है उन आँखों का …
बंद हों तब भी तुम्हें देखेंगे.. !!!!!!!!!!
मत कर हिसाब
मत कर हिसाब तूं मेरी मोहब्बत का,
नहीं तो ब्याज में ही तेरी जिन्दगी गुजर जायेगी
मतलब निकल जाने पर
मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नहीं,
रिश्ता उनकी नज़र में कल का अखबार हो गया !!