मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,
आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं,
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं, जहाँ किसी ने कहा था,
कि ठहरो हम अभी आते हैं..
Category: गरूर शायरी
तू पंख ले ले
तू पंख ले ले और मुझे सिर्फ हौंसला दे दे,
फिर आँधियों को मेरा नाम और पता दे दे !!
अकेले करना पड़ता हैं
अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए..
काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..
रोज मोहब्बत के नए
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से
लिखना……….!!
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख
लो…….!!
इतना गुमान न कर
अपनी जीत का इतना गुमान न कर बेखबर,
शहर मे तेरी जीत से ज्यादा मेरी हार के
चर्चे हैं
मौजूदगी बयाँ करता है।
तजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सिखाया;
क्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता;
कुत्ते भौंकते हैं अपने जिंदा होने का एहसास दिलाने के लिए;
मगऱ जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बयाँ करता है।
जल जाते है
जल जाते है मेरे अंदाज से मेरे दुश्मन….
क्योंकि एक मुद्दत से मैंने न प्यार बदला और न दोस्त…
मस्जिद की मीनारें बोलीं
मस्जिद की मीनारें बोलीं, मंदिर के कंगूरों से .
संभव हो तो देश बचा लो मज़हब के लंगूरों से
कलम में जोर
कलम में जोर जितना है जुदाई की बदौलत है,
मिलने के बाद लिखने वाले लिखना छोड़ देते है……..
बुलंदी देर तक
बुलंदी देर तक किस शख्श के हिस्से में रहती है
बहुत ऊँची इमारत हर घडी खतरे में रहती है ।