सुकून गिरवी है उनके पास,
जिनसे मोहब्बत उधार ली थी…
Category: गरूर शायरी
क्या सुनाऊ अपनी
क्या सुनाऊ अपनी जिंदगी की कहानी दोस्तों
समुन्दर पर राज किया
फिर भी जिंदगी भर प्यासा ही रहा
पनाह मिल गई
पनाह मिल गई रूह को जिस हाथ को छूने भर से….
बस फिर क्या था…
उसी हथेली पर मैंने अपनी हवेली बना ली….
आँख खुलते ही
आँख खुलते ही याद आ जाता है तेरा चेहरा,
दिन की ये पहली ख़ुशी भी कमाल होती है।
तुम हिदायत से
तुम हिदायत से,
अदावत से,
शिकायत से ,सही ,
कम से कम ,
हमसे ,
ताल्लुक़ात रखे रहते हो !
इश्क़ हो जायेगा
इश्क़ हो जायेगा मेरे दास्ताँ ए इश्क़ से,
रात भर जागा करोगे इस कहानी के लिए।
फ़िक्र करते हो
फ़िक्र करते हो मेरी यही काफी है…|
ज़िक्र करने को तो ये दुनिया बहुत है….||
जिनके चलते थे
जिनके चलते थे नाम वो बदनाम हो गए !!
और
जो खाते थे मार वो आज पहलवान हो गए !
लगता है कि
लगता है कि इन में कोई नाज़ुक सा है रिश्ता….
जब चोट लगे दिल पे तो भर आती हैं आँखें….
जगत के अँधेरे को …
जगत के अँधेरे को …हँसकर पिया है ,
दिये ने.. हमेशा ..दिया ही दिया है…!!