इश्क़ हो जायेगा मेरे दास्ताँ ए इश्क़ से,
रात भर जागा करोगे इस कहानी के लिए।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इश्क़ हो जायेगा मेरे दास्ताँ ए इश्क़ से,
रात भर जागा करोगे इस कहानी के लिए।
फ़िक्र करते हो मेरी यही काफी है…|
ज़िक्र करने को तो ये दुनिया बहुत है….||
जिनके चलते थे नाम वो बदनाम हो गए !!
और
जो खाते थे मार वो आज पहलवान हो गए !
लगता है कि इन में कोई नाज़ुक सा है रिश्ता….
जब चोट लगे दिल पे तो भर आती हैं आँखें….
जगत के अँधेरे को …हँसकर पिया है ,
दिये ने.. हमेशा ..दिया ही दिया है…!!
शाख़ से तोड़े गए फूल ने हंस कर ये कहा,
अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में…
कभी मिल सको तो इन पंछियो की तरह बेवजह मिलना,
वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज़ कितने मिलते है !!
एक रोज तय है
खुद तब्दील ‘राख’ में होना…
उम्रभर फिर क्यों औरों से,
आदमी जलता है…!
मेरी इस बेफिक्री का…ना तो लहज़ा है…ना ही ज़ायका
जाने क्यों…लोग मुझे ग़ज़ल कहते हैं ?
आँखों में आँसू है फिर भी दर्द सोया है,
देखने वाले क्या जाने की हँसाने वाला कितना रोया है !!