सिर्फ अपना ही

मोहब्बत तो सिर्फ शब्द है..
इसका अहसास तुम हो..

शब्द तो सिर्फ नुमाइश है..
जज्ब़ात तो मेरे तुम हो..

मकान बन जाते है

मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में,
ये पैसा कुछ ऐसा है…और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है..।।