मत कर हिसाब तू मेरी मोहब्बत का.
वरना..
ब्याज में ही तेरी जिन्दगी गुजर जाएगी.
Category: कहानी
सिर्फ अपना ही
मोहब्बत तो सिर्फ शब्द है..
इसका अहसास तुम हो..
शब्द तो सिर्फ नुमाइश है..
जज्ब़ात तो मेरे तुम हो..
जुबां वाले भी
जुबां वाले भी आखिर गूंगे बने हुए हैं,
जिन्दा रहेंगे कब तक, मुर्दा जमीर लेकर।
आये हो आँखों में
आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओ,
एक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में…
इकतरफ़ा इश्क़
इकतरफ़ा इश्क़ का अपना ही है मज़ा
अपना ही गुनाह है अपनी ही सज़ा
तूने मेरी मोहब्बत की
तूने मेरी मोहब्बत की गहराईयों को समझा ही नहीं ऐ सनम..!
तेरे बदन से जब दुपट्टा सरकता था तो हम “अपनी” नज़रे झुका लेते थे..!
मकान बन जाते है
मकान बन जाते है कुछ हफ्तों में,
ये पैसा कुछ ऐसा है…और घर टूट जाते है चंद पलो में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है..।।
तेरी नज़र पे
तेरी नज़र पे भी मुकदमा हो
तेरी नज़र तो क़त्लेआम करे…
गलियों की उदासी
गलियों की उदासी पूछती है, घर का सन्नाटा कहता है..
इस शहर का हर रहने वाला क्यूँ दूसरे शहर में रहता है..!
अजीब पैमाना है
अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का…..
जिसका जितना दर्द बुरा, शायरी उतनी ही अच्छी….