मुझे चाह नहीं कि मुझे कोई पहचानें..
बस, मेरी नज़रें किसी को भूल न पाएं!!
Category: हिंदी
अरसा हो गया
अरसा हो गया पैरो को मिट्टी छुए हुए …
बढ़ गयी हैं ज़मीं से कुछ इस कदर दूरियाँ …
कच्चे रंगों वाली
कच्चे रंगों वाली तितली क्या जाने…
कि बारिश का भी साथ निभाना है उसे…
इश्क के ढाई अक्षर
सवा तुम लिख दो,सवा हम लिख दें…..
चलो आज इश्क के ढाई अक्षर मुकम्मल लिख दें !!
गहरा है मेरे ख़यालात
गहरा है मेरे ख़यालात का पानी…
ज़रा सम्हल कर उतरना… वापसी न हो सकेगी…
अभी मुठ्ठी नहीं खोली है
अभी मुठ्ठी नहीं खोली है मैंने आसमां सुन ले..
तेरा बस वक़्त आया है मेरा तो दौर आएगा…!!
ये ज़रूरी है कि
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे
नींद रखो या न रखो ख़्वाब मे यारी रखो |
सुलग रहे है
सुलग रहे है कब से मेरे, दिल में ये अरमान,
रोक ले अपनी बाहों में तू, आज मेरे तूफ़ान |
हाथ बेशक छूट गया
हाथ बेशक छूट गया,
लेकिन
वजूद उसकी उंगलियो में ही रह गया..
ये शाम कबसे बेकरार है
ये शाम कबसे बेकरार है
ढलने को.
तू इक दफे आँचल में अपने
मुझे संभालने की ख्वाहिश तो कर|