इबादतों की तरह ये मैं काम करता हूं…
मेरा उसूल है पहले सलाम करता हूं…
मुखालफत से मेरी शख्सियत संवरती है…
मैं दुश्मनों का बड़ा ऐहतराम करता हूं…
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जीवन का असली गणित
एक दिन सब को जोड़ कर शून्य से गुना कर दीजिये…..
जो उत्तर आएगा ना… वही जीवन का असली गणित है…
अपनी दौलत पर
अपनी दौलत पर कभी घमण्ड ना करें, क्योंकि वक़्त, बिना वक़्त दिये भी बदल जाता है!!
तुम डूब जाते हो
तुम डूब जाते हो शाम के आँचल में
मेरे आँचल में स्याह रात ने पनाह ली हैं|
कदमों को रोकने का हुनर
कदमों को रोकने का हुनर नहीं आया..!
मंजिलें सारी निकल गई मगर घर नही आया….
दुआ तो एक ही काफी है
दुआ तो एक ही काफी है गर कबूल हो जाए,
हज़ारों दुआओं के बाद भी मंजर तबाह देखे हैं ।
जिनके पास अपने है
जिनके पास अपने है वो अपनों से झगड़ते हैं…
नहीं जिनका कोई अपना वो अपनों को तरसते है।
कौन किसे चाहता है
कौन किसे चाहता है आजकल सवाली होकर… अहमियत बादल भी खो देते हैं अक्सर… खाली होकर…
अंधों को दर्पण
अंधों को दर्पण क्या देना, बहरों को भजन सुनाना क्या.?
जो रक्त पान करते उनको, गंगा का नीर पिलाना क्या.?
पर्ची जो तेरे दिल की
पर्ची जो तेरे दिल की आरजुओं की हाथ लग जाती अगर…
इश्क़ में तेरे हम भी नकल कर के पास हो जाते …