न तेरी अदा

न तेरी अदा समझ में आती है ना आदत ऐ ज़िन्दगी,
तू हर रोज़ नयी सी,हम हर-रोज़ वही उलझे से..

रिश्तों की बगिया

रिश्तों की बगिया में एक रिश्ता

नीम के पेड़ जैसा भी रखना,
जो सीख भले ही कड़वी देता हो

पर तकलीफ में मरहम भी बनता है……