बस थोड़ी दूर है

बस थोड़ी दूर है घर उनका,
कभी होता ना दीदार उनका ।
मेरी यादों में है बसर उनका,
इतफ़ाक या है असर उनका ।
सहर हुई है या है नूर उनका,
गहरी नींद या है सुरुर उनका ।
पूछे क्या नाम है हुज़ूर उनका,
हम पे यूँ सवार है गुरुर उनका ।
हर गिला-शिकवा मंजूर उनका ।

तेरा वजूद है

तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह,
.
जो गिर कर सीप में
इक दिन मोती बन गयी…..

तेरा वजूद है

तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह,
.
जो गिर कर सीप में
इक दिन मोती बन गयी….