एक और मुलाकात के बहाने की ख़ातिर
छुपाकर उनका रूमाल अपने पास रख लिया…!!
Category: हिंदी
एक सवाल पूछती है
एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर,
मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर…!
ज़िंदगी तेरे सफर से
यूँ तो ऐ ज़िंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी।
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे तो कतारें बहुत थी।।
उम्र छोटी है
उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है।
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा है।।
यही सोच कर
यही सोच कर बड़ी देर से एक करवट हूँ…
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किसी की याद न दब जाए कहीं…
चाँद रोज़ छत पर
चाँद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत है …
कल रात , मैं भी तेरी तस्वीर दिखा दूँगी !!!
जिस्म हूँ खोखला सा
जिस्म हूँ खोखला सा मैं…
मेरी रूह कोई और है
पी लेता हूँ मय के प्याले दो…
पर नशा तो मेरा कोई और है
दुपट्टा क्या रखलिया
दुपट्टा क्या रखलिया उसने सर पर .
वो दुल्हन नजर आने लगी
उसकी तो अदा हो गई
और जान लोगो की जाने लगी|
तुम न लगा पाओगे
तुम न लगा पाओगे अंदाज़ा मेरी उदासी का….
तुमने मुझे देखा ही कहाँ है शाम गुज़रने के बाद !!
तुम वाकिफ नही
तुम वाकिफ नही हो मेरी बेताबी से…
इसलिए सब्र की बात करते हो…
मेरी नज़रे तो उन राहो को भी चूमती है..
जहाँ से तुम एक बार निकलते हो!!