सोचा भी न था ऐसे
लम्हों का सामना
होगा मंजिल तो सामने
होगी पर रास्ता न होगा !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सोचा भी न था ऐसे
लम्हों का सामना
होगा मंजिल तो सामने
होगी पर रास्ता न होगा !!
वक़्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिये,
पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिये।
जाओ तुम किसी और से इश्क कर लो …
मुझे तो अमीर होने में थोडा वक्त लग जायेगा..
इस ज़मीं पर तू खूब गा ले नदी
फिर समंदर में डूब जाना है|
लफ्ज़ बीमार से पड़ गये है आज कल…..
एक खुराक तेरे दीदार की चाहिए|
गलती पर साथ छोड़ने वाले तो बहुत मिले,
गलती पर समझा कर साथ निभाने वाले की ज़रूरत है|
बातों से सीखा है हमने आदमी को पहचानने का फन…
जो हल्के लोग होते है,हर वक्त बातें भारी भारी करते हैं..!!
खूल सकती है, गाँठे बस जरा सी जतन से,
पर लोग कैचियाँ चला कर, सारा फ़साना बदल देते है ।
अंदर से तो कब के मर चुके है हम,
ए मौत तू भी आजा लोग सबूत मांगते है !!
मुझसे ना माँगिए मशवरे…
मंदिर और मस्जिद के मसलो पर
मै इंसान हूँ साहब….
खुद किराए के घर मे रहता हूँ !