एक उसूल पर गुजारी है जिदंगी मैने,
जिसको अपना समझा उसको कभी परखा नही…
Category: हिंदी
बार बार कर सकते है
किसी को माफ़ तो
बार बार कर सकते है ,
मगर भरोसा बार बार
नहीं कर सकते…. ।।
आदमी के ख्वाईशो
आदमी के ख्वाईशो की इंतहा नहीं
दो गज़ जमीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद|
रुकता नही तमाशा
रुकता नही तमाशा रहता है खेल जारी
उस पर कमाल देखिए दिखता नही मदारी|
मीठी यादों की
मीठी यादों की चासनीं में भिगोकर हमने।
तेरे इश़्क को, मुरब्बे सा संभाल रक्खा है।
हमीं से निकलेगा
न किसी हमसफ़र ना हमनशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा, हमीं से निकलेगा!
बेबस सी ऑंखें
बेबस सी ऑंखें ढूंढ रही है तुमको..
काश कि इस दुनिया में तुम ही तुम होते |
वो मेरी न हुई
वो मेरी न हुई तो ईसमेँ हैरत की कोई बात नहीँ क्योँकि शेर से…
दिल लगाये बकरी की ईतनी औकात नही….!!
गंगा का पानी
गंगा का पानी छिड़क दो मेरे __”ख़त”__ पर।
भटकती हुई रूह है उसमें मेरे अल्फ़ाज़ों की।।
जिंदगी किस्मत से
जिंदगी किस्मत से चलती है दोस्तों,
दिमाग से चलती तो अकबर की जगह बीरबल बादशाह होता !!