तुम तो कहते थे अब हर शाम तुम्हारे साथ गुज़रेगी,
क्या हुआ तुम बदल गए या तुम्हारे शहर में अब शाम नहीं होती?
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुम तो कहते थे अब हर शाम तुम्हारे साथ गुज़रेगी,
क्या हुआ तुम बदल गए या तुम्हारे शहर में अब शाम नहीं होती?
मुस्कुराते रहोगे तो दुनिया आपके क़दमों में होगी;
वरना आंसुओं को तो तो आँखें भी जगह नहीं देती।
लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है.!!!
भूल जाना मुझे पर ये याद रखना,
रूह भी तेरी रोयेगी जब भी मेरा नाम आयेगा!
हर रोज के मिलने से तक़ल्लुफ़ कैसा ??
चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है !!
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर..
ये दुनिया तो खामखां कहती है
कि तुम मेरे करीब नहीं..
तुम मेरे हाथ की वो लकीर हो जो मेरे नसीब में नही |
क्यों ना खुशी से जीने के
बहाने ढूँढले गम तो
किसी भी बहाने मिल ही जाते है…
अगर होता जोर तुम पर तो दुनिया से तुम्हे चुरा लेते,
दिल के मकान में ताला लगाकर
चाबी पानी में बहा देते |
खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत;
वरना मै बहुत बार मिला हूँ
आखरी बार उससे|