अच्छा हैं आँखों पर पलकों का कफ़न हैं..
वर्ना तो इन आँखों में बहुत कुछ दफन हैं.!
Category: हिंदी शायरी
उम्मीद वफ़ा की
उम्मीद वफ़ा की,और तमन्ना जिस्म की
इन पढ़े-लिखों की मोहब्बत से तो, मैं गवांर ही अच्छा हूं|
वो लोग अपने आप में
वो लोग अपने आप में कितने अज़ीम थे
जो अपने दुश्मनों से भी नफ़रत न कर सके
दो गज़ ज़मीन नसीब हो गयी
दो गज़ ज़मीन नसीब हो गयी यही बहुत है,
सिकंदरो को अब जहान सारा मुबारक हो|
हर रात मैं लिखूं….
हर रात मैं लिखूं….
ज़रूरी तो नहीं….
कभी-कभी लफ्ज़ भी सोया करते है…
पहले मन पर काम करो
पहले मन पर काम करो
और फिर तन पर काम करो
इसके बाद जो वक़्त बचे
उसमें धन पर काम करो|
मुद्दत से तमन्नाएं
मुद्दत से तमन्नाएं सजी बैठी हैं दिल में
इस घर में बड़े लोगों का रिश्ता नही आता |
टूट पड़ती थीं
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देखकर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए|
खो गई है
खो गई है मेरे यार के चेहरे की चमक…..!
चाँद निकले तो जरा उसकी तलाशी लेना….
मीठे बोल बोलि
मीठे बोल बोलिए क्योंकि
अल्फाजों में जान होती है,
इन्हीं से आरती, अरदास और अजान होती है|