कारवां – ए – जिदंगी हसरतों के सिवा कुछ भी नही ,
ये किया नही , वो हुआ नही , ये मिला नही, वो रहा नही
Category: हिंदी शायरी
बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद
बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद तो नहीं लेकिन..
पता नहीं क्या सोच कर मैं आज भी नम्बर नहीं बदलता…!!
तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज
तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज…..
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प्यार मेँ ठुकराए लोग मुझसे देखे नहीँ जाते…..
जिंदगी का सफर कुछ यू तय हुआ
जिंदगी का सफर कुछ यू तय हुआ…
की समझ नहीं आता की जिंदगी थी या मुट्ठी में भरी रेत…
आज हम अकेले है तेरे बगैर
आज हम अकेले है तेरे बगैर
दिल बे – करार है आज तेरे बगैर
वक्त नहीं रुकता कभी किसी के लिए
पर धड़कने रुक जायेगी आज तेरे बगैर …
ना जाने कौन कौन से
ना जाने कौन कौन से विटामिन और प्रोटीन हैं तुझ में….?
जब तक तेरा दीदार न कर लूँ तब तक बैचेनी रहती है
खौफ अब खत्म हुआ
खौफ अब खत्म हुआ सबसे जुदा होने का,
अपनी तन्हाई में हम, अब मशरूफ बहुत रहते हैं..
ख्वाब जो सलीके से
ख्वाब जो सलीके से तह कर रखे थे,
मैने दिल की आलमारी में उनमे सिलवटें पड़ने लगी हैं,
शायद इसलिये क्यूंकि इन पर
पापा के डाँट की इस्त्री नहीं चलती अब…!!!
अंदर ही अंदर टूट जाते है घर
अंदर ही अंदर टूट जाते है घर,
मकान खड़े के खड़े रह जाते है बेशर्मों की तरह…!!!
अपनो की कोई बात बुरी लगे
अपनो की कोई बात बुरी लगे तो आप खामोश हो जाईए,
अगर वह अपने है तो समझ जाएंगे,
अगर ना समझे तो आप समझ लेना,
की वह अपने थे ही नही…