कोई चेहरे का दीवाना
तो
किसी को तन की तलब..!!
अदाएँ पीछा करवाती है साहब आजकल मोहब्बत कौन करता
है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई चेहरे का दीवाना
तो
किसी को तन की तलब..!!
अदाएँ पीछा करवाती है साहब आजकल मोहब्बत कौन करता
है…
कुछ फ़र्जी खयाल भी दिल
को सताते है,
जैसे कि ” हम उन्हे याद आते है”…..
काश आ जाता कोई
पूछने वाला की क्या चाहिए?
पैसे,प्रमोशन,ग्लैमर,
सबको छोड़ सिर्फ बचपन वापस मांग लेता
मैं..!!!
पहले जैसा रंग नहीं है
जीवन की रंगोली में
जाने कितना ज़हर भरा है
अब लोगों की बोली में ..
अखबार के साथ दबे पांव चली आती थीं,
टीवी ने खबरों को
शोर मचाना सिखा दिया..!!
कब तक लब्जो की कारीगरी करता रहूँ
समझ जाओ ना में तुमसे प्यार करता हूँ
जख्म है कि दिखते
…….. नही ,
मगर ये मत समझिए
कि दुखते नही…..!!
सौ बार खत निकालकर देखा है जेब से…;
हम जो समझ रहे हैं वो उसने लिखा ही नहीं
आसमाँ की ऊंचाई नापना छोड़ दे
ए दोस्त….
ज़मीं की गहराई बढ़ा…
अभी और नीचे गिरेंगे लोग
संग ए मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,
बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया