वो बेईमान नेता सी है, हर दिल से खेलती है,
मै भोली जनता सा हूँ, हर बार उसीको चुनता हुं!!
Category: हिंदी शायरी
एक बार महबूब
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता,
जितना एक बार महबूब के गले लग कर मिलता है….!!
आँख प्यासी है
आँख प्यासी है कोई मन्ज़र दे,
इस जज़ीरे को भी समन्दर दे|
अपना चेहरा तलाश करना है,
गर नहीं आइना तो पत्थर दे|
इश्क़ वो नहीं
इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे….
इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे !!
सच्चे इश्क में
सच्चे इश्क में अल्फाज़ से ज्यादा एहसास की एहमियत होती है।
तेरे इश्क ने
तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को;
ना कोई काम करता है, ना कोई बात सुनता है..”
ज़ख़्मों के बावजूद
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख….
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
शोहरत की आरज़ू
शोहरत की आरज़ू ने किया बेवतन हमें,
इतनी बढ़ी ग़रज़ कि उसूलों से हट गए।
कुछ अलग ही
कुछ अलग ही करना है तो वफा करो दोस्त,
वरना मजबूरी का नाम ले कर बेवफाई तो सभी करते है !
दिल के उजले
दिल के उजले कागज़ पर हम कैसा गीत लिखें
बोलो तुमको ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें
नीले अम्बर की अंगनाई में तारों के फूल
मेरे प्यासे होटों पर है अंगारों के फूल
इन फूलों को आख़िर अपनी हार या जीत लिखें
कोई पुराना सपना दे दो और कुछ मीठे बोल
लेकर हम निकले हैं अपनी आखों के कश्कोल
हम बंजारे, प्रीत के मारे, क्या संगीत लिखें
शाम खड़ी है एक चमेली के प्याले में शबनम
जमुना जी के ऊंगली पकड़े खेल रहा है मधुबन
ऐसे में गंगा जल से राधा की प्रीत