एक ताबीर की

एक ताबीर की सूरत नज़र आई है इधर सो उठा लाया हूँ सब ख़्वाब पुराने वाले

इतनी‬ सी है गुजारिश

आँखों‬ में तेरा सपना,‪ दिल‬ में तेरी ख्वाहिश,‪ बस‬ हमेशा यूँ ही साथ रहना, ‪ इतनी‬ सी है गुजारिश !

दूरियाँ अब बढ़ रही हैं

सबूतों की ज़रूरत पड़ रही है, यक़ीनन दूरियाँ अब बढ़ रही हैं..

शाम हो जाती है

एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है !

मुझे प्यार उसी से

ए खुदा..!! मुझे प्यार उसी से हो जो…. मुझे पाकर प्यार में पागल हो जाए….!!

बदल गया वक़्त

बदल गया वक़्त बदल गयी बातें बदल गयी मोहब्बत कुछ नहीं बदला तो वो है इन आँखों की नमी और तेरी कमी !!

अब बंद कर दिया है

अब बंद कर दिया है जज़्बाते-बयां हमने भी… क्योंकि झूंठ हमसे बोला नही और सच वो समझते नही….

ज़िक्र किया करती है

कुछ इस तरह वो मेरी बातों का ज़िक्र किया करती है…. सुना है वो आज भी मेरी फिक्र किया करती है….!

तुमने देखा ही कहाँ

तुम ना लगा पाओगे अंदाजा मेरी तबाही का…, तुमने देखा ही कहाँ है…मुझे शाम होने के बाद…।

दोस्ती इन्सान की

दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है! दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है! आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ! वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!

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