जिंदगी चैन से गुज़र जाये….
अगर वो मेरे जहन
से उतर जाये….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जिंदगी चैन से गुज़र जाये….
अगर वो मेरे जहन
से उतर जाये….
किसी ने
ज़हर कहा है किसी ने शहद कहा
कोई समझ नहीं पाता है ज़ायका
मोहब्बत का
कल रात मैने अपने दिल से भी रिश्ता तोड दिया…!
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पागल तेरे को भूल जाने की सलाह दे रहा था…
मिठी बाते ना कर ऐ नादान परिंदे,
इसांन सुन लेगा तो पिंजरा ले आएगा..
जैसा दोगे वैसा ही पाओगे..
फ़िर चाहे इज्ज़त हो या धोखा..!!
उस मोड़ से शुरू करें
चलो फिर से जिंदगी
हर शय हो जहाँ नई सी
और हम हो अज़नबी
एक ख़्वाब ने आँखे खोली हैं….
क्या मोड़ आया है कहानी मैं…..
वो भीग रही है बारिश मैं………..
और आग लगी है
पानी मैं……!
झाड़ू, जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह “कचरा” साफ करती है।
लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है तो खुद कचरा हो जाती है।
ऐ दिल मुझसे बहस ना कर अब चुप भी हो जा,,
उसके बिना साल गुजर गया दिसंबर और गुज़र जाने दे
शोहरत अच्छी होती है,
गुरूर अच्छा नहीं होता..
अपनों से बेरुखी सेे पेश आना,
हुज़ूर अच्छा नहीं होता !!