फिर नींद से

फिर नींद से जाग कर आस-पास ढ़ूढ़ता हूँ तुम्हें…

क्यूँ ख्वाब मे इतने पास आ जाते हो तुम….

असफलता का डर नहीं

एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता का डर नहीं रखें और न ही काम को छोड़ें। निष्ठा से काम करने वाले ही सबसे सुखी हैं।