कुछ पाने की बेचैनियाँ भी होनी चाहियें दिल में
वरना जीने का क्या फायदा…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कुछ पाने की बेचैनियाँ भी होनी चाहियें दिल में
वरना जीने का क्या फायदा…
क्यो नही मिलता कोई शक्स अपने जैसा
यूँ तो इस दुनिया में क़िरदार बहुत है…
अब तुमको भूल जाने की कोशिश करेंगे हम…
…
तुमसे भी हो सके तो ना आना, मेरे ख्यालों में !
कबड्डी पूरी तरह से भारतीय खेल है।
कैसे?
इसमें सब लोग एक साथ मिलकर एक ऐसे आदमी को
नीचे गिराने में लगे रहते हैं, जो बेचारा कुछ करने आगे
आया है।
बोझ सीने पे बहुत है साहब,
पर मुस्कुरा देने में क्या लगता है l
मुफ़्त में सिर्फ माँ -बाप का प्यार मिलता है। उसके बाद हर रिश्ते की कीमत चुकानी पड़ती है ।।
स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,
गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,
और
आज के इंसान मे सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं…………..,किसी ने क्या खूब कहा ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हू फिर भी मै ना जाने क्यू हर रोज कमाने जाता हू …
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया के हुजूम में,
“वफ़ादार तो हमेशा तनहा ही मिलते हे….
मिलाते हो उसी को खाक में, जो दिल से मिलता है
मेरी जां चाहने वाला, बड़ी मुश्किल से मिलता है
Milaate ho usi ko khaak mein, jo dil se milata hai
Meri jaan chaahane wala, badi mushkil se milta hai
डूबा हो जब अन्धेरे में हम साए का मकान
अपने मकां में शमा जलाना गुनाह है