जरा सम्भल के रहना
उन इंसानो से दोस्तों…
जिन के दिल मे भी
दिमाग होता है…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जरा सम्भल के रहना
उन इंसानो से दोस्तों…
जिन के दिल मे भी
दिमाग होता है…!!
तेरे बग़ैर इश्क़ हो तो
कैसे हो
इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है…..
कब तक लफ़्ज़ों की
कारीगरी करता रहूँ…
…
समझ जाओ ना that I love you
लोग चाहते हैं कि आप
बेहतर करें,
लेकिन ये भी सत्य है कि वो कभी नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें !!!”
दूनिया का उसूल है जब तक काम है तब
तक तेरा नाम है वरना दूर से ही सलाम है
अक्सर चाकू-छुरी वही खोलते है जो कमज़ोर होते है,
वरना हम जैसों का तो सारा काम मान-सम्मान से ही हो जाता है।।
मेरे साथ बैठ के वक़्त भी रोया एक दिन।
बोला बन्दा तू ठीक है …मैं ही खराब चल रहा हूँ।
तेरे मिलने से कुछ ऐसी बात हो गई,
कुछ भी नहीं था पास मेरे,
जिंदगी से मुलाकात हो गई.
फूल थे गैर की किस्मत में अगर ऐ जालिम,
तूने पत्थर ही फेंक के मुझे मारा होता।
शायरी से इस्तीफा दे रहा हूँ साहब…..
किसी बेवफा ने फिर वफ़ा का वादा किया है ।
तुझे याद कर लूँ तो मिल जाती है हर दर्द से राहत …
लोग यूँ ही हल्ला मचाते है कि दवाइयाँ महँगी हैं …..