चढ़ने दो अभी और ज़रा वक़्त का सूरज
हो जायेंगे छोटे जो अभी साये बड़े हैं ।
Category: व्यंग्य शायरी
कलाकारी करते करते
थक गया है गम भी अपनी
कलाकारी करते करते,
ऐ खुशी तु भी अपना किरदार निभा दे जरा।
लफ्जों मे जिंदगी
कीतने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयाँ करुँ ?
लो तुम्हारा नाम लेके किस्सा तमाम करुँ !!
ताकत दवाओं की
परखता रहा उम्र भर, ताकत दवाओं की,
दंग रह गया देख कर, ताकत दुआओं की!!?
कमबख्त ये ज़िंदगी
जो लम्हा साथ हैं, उसे जी भर के जी लेना,
कमबख्त ये ज़िंदगी, भरोसे के काबिल नहीं होती…
इन्तजार करना जानते
जो सब्र के साथ इन्तजार करना जानते हैं,
उनके पास हर चीज किसी न किसी तरीके से पहुंच जाती है ।।
भरे बाज़ार से
भरे बाज़ार से अक्सर मैं खाली हाथ लौट आता हूँ..
पहले पैसे नहीं हुआ करते थे, अब ख्वाहिशें नहीं रहीं….
चलो फिर से
चलो फिर से कहीं दिल लगा लेते हैं ,…
…
सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं ।
कहा रहते हो
मुद्दतों बात किसीने पूछा कहा रहते हो
हमने मुस्कुरा के कहा अपनी औकात में
फिक्र तब होती है
जुबाँ न भी बोले तो,
मुश्किल नहीं…
फिक्र तब होती है जब…
खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।।