तीर क्यु मारती है ,
तलवार मार कै दैख ,
सच्चा Pyar करती है
तो
आँख मार कै दैख !!!
Category: व्यंग्य शायरी
फूल से मोहब्बत
खुसबू कैसे ना आये मेरी बातो से यारो,
मैंने बरसो से एक ही फूल से मोहब्बत
की है…….!!!!!!!!!
कोई उसे खुश
कोई उसे खुश करने के बहाने ढूंड रहा था,
मैने कहा-
उसे मेरे मरने की खबर सुना दे…..
Log kehte hai
Log kehte hai wo shaks tera nhi hai….
main ye soch kar khamosh hu…
Ke taqdeer khuda likhta hai.. log nhi…
रोज़ अपना सारथी
मैं खुद ही कृष्ण भी और खुद ही अर्जुन हूँ इस रण का,
रोज़ अपना सारथी बनकर जीवन की महाभारत लड़ता हूँ
Mohabbat Na Karte Toh
Lambi Raat, Us Ka Intezaar, Aur Ye Neend Ka Bojh
Hum Mohabbat Na Karte Toh Kab Ke So Chuke Hote !!
शख्सियत अच्छी होगी
शख्सियत अच्छी होगी तभी दुश्मन बनेंगे,
वरना बुरे की तरफ देखता कौन है….
लफ्ज़ों में ज़िन्दगी
कितने कम लफ्ज़ों में ज़िन्दगी को बयान करूँ,
चलो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा ये तमाम करूँ…!
क्या मासूमियत है
ना जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर..
तेरे सामने आने से ज्यादा,
तुझे छुपके देखना अच्छा लगता है ..
जॊ आँखॊं में
जॊ आँखॊं में देखकर ना समझ पाया प्यार,
अब तुम ही बताओ उसे कैसे करु इजहार …॥