इन चिरागों में तेल ही कम था
क्यू गिला भीर हमें हवा से रहे|
Category: शायरी
हाँसिल करना हो
ज़िन्दगी में जो भी हाँसिल करना हो,
उसे वक्त पर हाँसिल करो ।
क्योंकि, ज़िन्दगी मौके कम
और धोखे ज्यादा देती है ।।
कोशिश मत कर।
खुदा की एक मिस कॉल से पूरा इंडिया दहशत में है।।
अगर फ़ोन आया तो क्या होगा
प्रकृति समय-समय पर इंसान को रिमाइंडर देती रहती है
कि तू किरायेदार की तरह रह,
मालिक बनने की कोशिश मत कर।
तेरी य़ादों का
रहता तो मुझको नशा तेरी य़ादों का ही है ।
कोई पूछे तो कह देता हूँ …पी रखी है।।
आँखों से पानी
आँखों से पानी गिरता है ,
तो गिरने
दीजिये …….
कोई पुरानी तमन्ना ,
पिघल रही होगी ……
मालिक बनने की
देश के कई हिस्सों भूकंप के झटके~
प्रकृति समय-समय पर इंसान को चेतावनी देती रहती है कि तू किरायेदार की तरह रह….
मालिक बनने की कोशिश मत कर..!!
अपने दिये को
अपने दिये को चाँद बाताने के वास्ते
बस्ती का हर चिराग बुजाना पड़ा हमे
ज़माना ज़ुल्म ढाये
लाख ज़माना ज़ुल्म ढाये, वक़्त न वो ख़ुदा दिखाये
जब मुझे हो यक़ीं कि तू हासिल-ए-ज़िन्दगी नही
सफर में मुश्किलें
सफर में मुश्किलें आऐ, तो हिम्मत और बढ़ती है,
कोई अगर रास्ता रोके, तो जुर्रत और बढ़ती है,
अगर बिकने पे आ जाओ, तो घट जाते है दाम अक्सर
ना बिकने का इरादा हो तो, कीमत और बढ़ती है
गांव की शादी
गांव की शादी में सबसे ज्यादा इज्जत उस शख्स की होती है जिसे टाई बांधना आती है।
शहर की शादी में उसकी होती है जिसे पगड़ी (साफा) बांधना आता हो।