अजब सा तिलिस्म कर गया भूकम्प तेरा आना,
नफ़रत भरे लोग हाथ थामे सड़कों पे नज़र आये !
Category: शायरी
दीपक बोलता नहीं
दीपक बोलता नहीं उसका
प्रकाश परिचय देता है ।
ठीक उसी प्रकार…
आप अपने बारे में कुछ न बोले,
अच्छे कर्म करते रहे
वही आपका परिचय देगे
नफरत करनी हैं
मुझसे नफरत करनी हैं हो बेशककर पर..
कमबख्त उतनी तो कर जितनी मैंने मौहब्बत की थी…
इश्क़ होना जरुरी है
इश्क़ होना जरुरी है शायरी के लिए….
अगर कलम लिखती तो हर दुकानदार शायर होता…
एक ही ख्वाब
एक ही ख्वाब देखा है कई बार मैंने…
तेरी साड़ी में उलझी है चाबियां मेरे घर की
बिछड कर फिर मिलेंगे
बिछड कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था…
बेशक ख्वाब ही था मगर हसीन कितना था…
मेरे दिल की
मेरे दिल की हालत भी मेरे वतन जैसी है….
जिसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद किया….
कुछ सीख लो
कुछ सीख लो आइने से.. मोहब्बत का हुनर..
जो तोड़ने वाले का अक्श भी बसा लेता है खुद में
झूठे सिक्कों में
झूठे सिक्कों में भी उठा देते हैं अक्सर सच्चा माल
शक्लें देख के सौदा करना काम है इन बंजारों का
कुछ मीर के
कुछ मीर के अब्यात थे कुछ फ़ैज़ के मिसरे
इक दर्द का था जिन में बयाँ याद रहेगा