किस्मत बुरी या,मै बुरा,
ये फैसला न हो सका,
मै सबका हो गया, मेरा
कोई हो न सका
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किस्मत बुरी या,मै बुरा,
ये फैसला न हो सका,
मै सबका हो गया, मेरा
कोई हो न सका
ऐ इश्क़ ! तेरा वकील बन के बुरा किया
मैनें यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं………
कैसे कह दूँ मोहब्बत नही है तुमसे..!!
मुँह से निकला झूट आँखों में पकडा जायेगा..!!
हर नज़र में एक कोशिश होती है, हर दिल में एक चाहत होती है. मुमकिन नहीं हे हर एक के लिए ताजमहल बनाना, क्योकि हर एक के दिल में चार – पांच मुमताज़ होती है!.
वो साथ था हमारे या हम पास थे उसके…?
वो ज़िन्दगी थी कुछ दिन या थे ज़िन्दगी के कुछ दिन….?
खोऐ हुए थे सभी अपनी जीन्दगी कि उलझनो मे !
जरा सी जमीन क्या हिली लोगो को खुदा याद आ गया !!!!!!!!
अगर आप फूलों को पाना चाहते हैं तो
आप को कांटों की चुभन तो सहनी ही
पड़ेगी..
कोई मज़बूत सी ज़ंजीर भेजो तुम्हारी
याद पागल हो गई है.
जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार होता है,
लोग हारते भी है तो अपनी ही रानी से …
जो हमारा प्यार है,उन्हें किसी और से प्यार है,
बस हार गऐ हम ये जानकर की जिससे उन्हें प्यार है वो हमारा यार है…