मेरी रुसवाई कर के नाखुश हैं..उनके चेहरे की सियाही ये है,
मेरे होने से दुखी हैं कुछ लोग..मेरे होने की गवाही ये है !
Category: शायरी
तुम क्या जानो
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री..,
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया ..
आख़िरी उम्र में
आख़िरी उम्र में कैसे मैं ग़मों को छोडूँ..
यह मेरे साथ रहें हैं सगे भाई की तरह !
उनका कंधा खुदा ने
उनका कंधा खुदा ने न जाने कितना मज़बूत बनाया है,
हमारी ख्वाहिशों को उठाते हुए माँ बाप ने
कभी उफ़ तक नहीं किया !
अच्छे विचारों से आती हैं
सफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती हैं
और अच्छे विचार अच्छे लोगों के सम्पर्क से आते हैं
मुझे गर्व है कि
मैं आपके सम्पर्क में हूँ..
ये बार बार रूठ जाना
उफ्फ्फ तेरा ये बार बार रूठ जाना..
कसम से दिल न दिया होता , तो तेरी जान ले लेते..!!
अकेला छोड़ने वालों को
अकेला छोड़ने वालों को ये बताए कोई
कि हम तो राह को भी हम-सफ़र समझते हैं|
कभी थे ही नहीं
हमदर्द थे, हम-कदम थे, हमसफ़र थे, हमनशीं…..!
जो भी थे बस हम थे, वो तो कभी थे ही नहीं…..!!
इश्क़ बुझ चुका है
इश्क़ बुझ चुका है,
क्यूंकि हम ज़ल चुके हैं|
वक्त को बदनाम न करिये
यूँ ही वक्त को बदनाम न करिये.
क्योंकि वक्त, वक्त पर ही आता है.!