मैंने कहा बहुत प्यार
आता है तुम पर ……
वो मुस्करा कर बोले
और तुम्हें आता ही क्या है…….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मैंने कहा बहुत प्यार
आता है तुम पर ……
वो मुस्करा कर बोले
और तुम्हें आता ही क्या है…….
पलकों से पानी गिरा है, तो उसे गिरने दो,
सीने में कोई पुरानी तमन्ना, पिघल रही होगी….
बीती जो खुद पर तो
कुछ न आया समझ,
मशवरे यूँ तो हम
औरों को दिया करते थे|
हर किसी को मैं खुश रख सकूं,
वो सलीका मुझे नहीं आता जो मैं नहीं हूँ,
वो दिखने का तरीका मुझे नहीं आता |
मुश्किल भी तुम हो,
हल भी तुम हो,
होती है जो सीने में ,
वो हलचल भी तुम हो ..!!
मुसीबतों से निखरती है
शख्सियत यारों,
जो चट्टानों से न उलझे
वो झरना कैसा !!
क्यों हम भरोसा करें गैरों पर,
जबकि हमें चलना है
अपने ही पैरों पर|
आइना भी भला कब किसी
को सच बता पाया है,
जब भी देखो दायाँ तो
बायां ही नज़र आया है|
उसको बेवफा कहकर
अपनी ही नजर में गिर जाते है हम,
वो प्यार भी अपना था और
वो पसंद भी अपनी थी |
दिलकश नजारों को नजरों में समेट लूँ,
चाँदनी के नूर में इस रूह को लपेट लूँ|