जो नहीं है हमारे पास वो “ख्वाब” हैं,
पर जो है हमारे पास वो “लाजवाब” हैं…
Category: शायरी
घर से निकले हैं
वापसी का तो कोई सवाल ही नहीं साहब
घर से निकले हैं हम आँसूओं की तरह..
मजबूर ना करेंगे
मजबूर ना करेंगे तुझे, वादेनिभाने के लिए….
तू एक बार वापस आ,अपनीयादें ले जाने के लिए….!
ज़िंदगी ये चाहती है
ज़िंदगी ये चाहती है कि……
..
.ख़ुदकुशी कर लूँ ….
…
मैं इस इंतज़ार में हूँ कि… कोई हादसा हो जाये
मेरा खुदा एक ही है
मेरा खुदा एक ही है….
जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला
भटक गया था मै….
जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..
रूठना भी बर्दाश्त नहीं
दोहरी हुकूमत जताना कोई तुमसे सीखे,
खुद तो बात करेंगे नहीं…….
उस पर मेरा रूठना भी बर्दाश्त नहीं ।।
किसी से भी न हारा
तेरी चाहत ने अगर मुझको न मारा होता,
मैं ज़माने में किसी से भी न हारा होता….
कहाँ मांग ली थी कायनात
कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा,
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था…!!!
इन्तहां लिखी इकरार लिखा
इन्तहां लिखी इकरार लिखा,
पल पल का इंतज़ार लिखा,
तेरी यादों को दिल में बसा के,
हर रोज़ तुझे पैगाम लिखा…
सूने सूने तुझ बिन जीवन को,
पतझड़ का मौसम लिखा,
तेरी यादों के नील गगन में,
तन्हा कोई मंज़र लिखा…
तुझ बिन चलती इन सांसो को,
निष्प्राण कोई जीवन लिखा,
मेरे खयालों के हर पन्ने में,
तेरा ही कोई ज़िक्र लिखा…
रूठी रूठी रातों में,
जगती हुई इन आँखों में,
आंसुओं का सैलाब लिखा,
तुझ बिन कहीं हैँ खोये रहते,
जीते हुए भी पल पल मरते,
तेरी इन यादों का हर बातों का,
हर लम्हा हर पल लिखा…
मीत यादों को दिल में बसाके,
रोज़ तुझे पैगाम लिखा !!
फासला नज़रों का
फासला नज़रों का धोखा भी हो सकता है।
वो मिले ना मिले तुम हाथ बढ़ा कर देखो|