जो उड गये परिन्दे उनका मलाल क्या
यहाँ तो पाले हुए भी गैरों की छत पे
उतरते है |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो उड गये परिन्दे उनका मलाल क्या
यहाँ तो पाले हुए भी गैरों की छत पे
उतरते है |
लोग कहते हैं
समझो तो खामोशियाँ भी
बोलती हैं,,,,
मैं अरसे से ख़ामोश हूँ
और वो बरसों से बेख़बर….
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते है…
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है!
कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है!
पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है …
नज़र से गिरा वो औ दिल से उतर गया
कुछ यूँ मेरा उसका मामला सुलझ गया|
कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अब शायरी मेरी मतलब मुहब्बत सिर्फ मैंने ही नहीं की।
खुदा की बंदगी शायद अधूरी रह गयी,तभी तेरे मेरे दरमियाँ ये दूरियाँ रह गयी|
लब ये ख़ामोश रहेंगे… ये तो वादा है मेरा…!
कुछ अगर कह दें निगाहें… तो ख़फा मत होना…
तुम्हारे लिये मिट जाने का इरादा था ..
तुम ही मिटा दोगे….. यकीन नहीं होता|
काग़ज़ी फूल भी महकते हैं
कोई देता है जब मोहब्बत से…