प्यार की गहरायी की सीमा तब पता चलती है जब बिछुड़ने का समय होता है।
Category: शायरी
कोई अच्छी सी
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको…
ख्वाब और तमन्ना
ख्वाब और तमन्ना का हिसाब कर के क्या है करना …
ख्वाहिशें है सदियों की, और उम्र है ज़रा सी.
जहाँ उम्मीद थी
जहाँ उम्मीद थी ज़्यादा वहीं से खाली हाथ आए
बबूलों से बुरे निकले तेरे गुलमोहर के साए|
मैं खुदा की नज़रों में
मैं खुदा की नज़रों में भी गुनाहगार होता हूँ
जब सजदों में भी मुझे वो शख्स याद आता है|
कभी भीगना हो
सुनो ,कभी भीगना हो तुम्हे पानी में, मेरी इन
आँखों में चले आना यहाँ आये दिन सैलाब आते है…
दूर रहकर भी
दूर रहकर भी तुम्हारी हर ख़बर रखतें हैं…हम पास तुम्हें कुछ इस कदर रखते है…
हम से सीखये
हम से सीखये रास्तो पे चलने का सलीका,
हम दुनीयाभर की ठोकरे खा कर बैठे है…
अब अँधेरों में
अब अँधेरों में जो हम ख़ौफ़-ज़दा बैठे है..
क्या कहें ख़ुद ही चराग़ों को बुझा बैठे है.!
बारिश की बूंदों में
बारिश की बूंदों में झलकती है तेरी तस्वीर,आज फिर भीग बैठे तुझे पाने की चाहत में !