चलो फिर से कहीं दिल लगा लेते हैं ,…
…
सुना है अच्छे दिन आने वाले हैं ।
Category: शर्म शायरी
Waqt Lagata Hain
Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha…
Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…
मोहब्बत से भरी
मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद
नहीं ,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते है…
कहा रहते हो
मुद्दतों बात किसीने पूछा कहा रहते हो
हमने मुस्कुरा के कहा अपनी औकात में
फिक्र तब होती है
जुबाँ न भी बोले तो,
मुश्किल नहीं…
फिक्र तब होती है जब…
खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।।
एक हुनर है
जख्म छुपाना भी एक हुनर है,
वरना, यहाँ हर मुठ्ठी में नमक है
कंकर फ़ेंको जनाब
अल्फ़ाज़ के कुछ तो
कंकर फ़ेंको जनाब,
झील सी गहरी ख़ामोशी है यहां.!!
सवाल नहीं था
ज़हर का सवाल नहीं था
वो तो में पी गया
तकलीफ़ लोगों को ये थी
की में जी गया ।
जब बरसी ख़ुशियाँ
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,,,!!!..
ऐ umar !!!
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहां से आ गयी.!!!
ज़िन्दगी तो अपने
ज़िन्दगी तो अपने ही दम पे जी जाती है
यारों किसी के सहारे से तो जनाज़े उठा करते हैं