देखो तो इक पहाड़ से
कंकड़ उलझ गया
जोशो जुनून से ये दिलावर उलझ गया
हिम्मत को
उसकी आप भी अब दाद दीजिए
लाखों के सूट बूट से मफलर
उलझ गया
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
देखो तो इक पहाड़ से
कंकड़ उलझ गया
जोशो जुनून से ये दिलावर उलझ गया
हिम्मत को
उसकी आप भी अब दाद दीजिए
लाखों के सूट बूट से मफलर
उलझ गया
मै रोता रहा रात भर
मगर फैंसला न कर सका,
तू याद आ रही है, या मैं याद कर रहा
हूँ…
छोड़ दिया उसका
इंतजार करना हमेशा के लिए..
ऐ दोस्तों जिसे निगाह की क़दर
नहीं..
उसे मूड मूड कर क्या देखना
उनकी बातों मैं प्यार
के तेवर कम थे…
जब आँखों में झाँका तो हम ही हम थे…!
अज़ब माहौल है हमारे
मुल्क का…
मज़हब थोपा जाता है, इश्क रोका जाता है….
ऊसके जैसी कोई ओर
कैसे हो सकती है ,
और अब तो वो खुद अपने जैसी नहीं रही..
वो अच्छे हैं ………….तो
हैं,
हमारा तो बुरा हाल कर रखा हैं…
जिस दिन मेरी मौत की
खबर मिलेगी तब लोग यही कहेंगे”
.
बन्दा कभी मिला तो नही था
लेकिन पोस्ट
अच्छी डालता था।।
दुनियादारी सिखा देती
हैं मक्कारियां,,,
वर्ना पैदा तो हर कोई साफ़ दिल ही होता है…
बड़प्पन तो देखिये
उनका हमारी ग़लतियो पर हमी से
क्षमा मांगकर कर्ज़दार कर दिया
|