बातचीत करनी है तो तुफानो की कर
लहरो से तो हम लड़कपन में खेला करते थे !!
Category: शर्म शायरी
हम छोड़ देंगे
न कहा करो हर बार की हम छोड़ देंगे तुमको, न हम इतने आम हैं, न ये तेरे बस की बात है…!!
फासला अब भी
फासला अब भी , दो क़दमों का ही है ….. कदम कौन बढ़ाए , तय ये नहीं है …..!!
मौत देने के लिये
जहर के असरदार होने से कुछ नही होता दोस्त।
खुदा भी राजी होना चाहिए मौत देने के लिये।।
दीवाना गलियों में
कोई दीवाना गलियों में सेर गुनगुनाता फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर
दुश्मन के सितम
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तों के रुठ जानेसे डरते है…
परवाह ना कर
तू चेहरे की बढ़ती सलवटों की परवाह ना कर
हम लिखेंगे अपनी शायरी में हमेशा जवां तुझको ।।
इल्म के दीवाने
हम मदरसे से अगर गुज़रे तो बच्चों ने कहा ,ये वहीँ हैं जो बिना इल्म के
दीवाने हुए
हो सके तो
हो सके तो अब के कोई सौदा न करना;
मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ..!
गौर से ना देख
इस तरह गौर से ना देख मेरे हाथ ।
लकीरों में हसरतों के सिवा कुछ भी नहीं