मुझे जलन है तेरे आईने से, ये तुझे देखता है बहुत करीब से..
Category: वक़्त शायरी
उनकी आँखों से
उनकी आँखों से आँखें मिली और हमको नशा हो गया…
सितारे भी जाग रहे हो
सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई ना हो.. ऐ चाँद ले चल मुझे वहाँ जहाँ उसके सिवा कोई ना हो ।।
ज़िन्दगी में है
ज़िन्दगी में है थोड़ी उंच नीच मगर, एक मौत है जो यहाँ सबको बराबर बंटी है।
रात को अक्सर
रात को अक्सर ठीक से नींद ही नहीं आती, घर की किश्तें कम्बखत चिल्लातीं बहुत हैं ।
बस तेरी ख़ामोशी
बस तेरी ख़ामोशी जला देती है मेरे दिल को , बाकी सब अंदाज़ अछे है तेरी तस्वीर के . . .
हवा के साथ
हवा के साथ बहने का मज़ा लेते हैं वो अक्सर, हवा का रुख़ बदलने का हुनर जिनको नहीं आता।
मेरी आँखों में
मेरी आँखों में आँसू की तरह एक रात आ जाओ, तकल्लुफ से, बनावट से, अदा से…चोट लगती है।
अपनी मौजूदगी का
अपनी मौजूदगी का एहसास दिला दिया कर, थक गया हूँ शायरियां करते-करते।
क्या इल्जा़म लगाओगे
क्या इल्जा़म लगाओगे मेरी आशिकी पर, हम तो सांस भी तुम्हारी यादों से पूछ कर लेते है..