जिन पर लुटा चूका था मैं दुनिया की दौलतें उन वारिसों ने मुझको कफ़न नाप कर दिया
Category: वक़्त शायरी
हम तो बस
हम तो बस सवाल है जवाब अगर नही है,,तो आपका
जहाँ कुछ दर्द
जहाँ कुछ दर्द का मज़कूर होगा… हमारा शेर भी मशहूर होगा..
कहानी ख़त्म हुई
कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई… कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..
गया वो वक़्त
गया वो वक़्त जब परियों की कहानी हमें सुला देती थी* अब एक परी का किस्सा हमें सोने नहीं देता रात भर…
कभी यूँ भी
कभी यूँ भी तो हो,, परियों की महफ़िल हो कोई तुम्हारी बात हो और तुम आओ
संदेशा प्रेम का
संदेशा प्रेम का देता फिरता है वो घर दिलों में सभी के ही बना देता है!
इतनी चाहत से
इतनी चाहत से न देखो भरी महफ़िल में मुझे वो हरेक बात का अफसाना बना देता है!
मुश्किलें आयीं मगर
मुश्किलें आयीं मगर लौट गयीं उलटे पाँव कोई ऐसा भी है जो मुझको दुआ देता है!
अपने रिश्ते में
अपने रिश्ते में कभी शक़ को न आने देना ये बिना आग ही घर बार जला देता है!