तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने,
जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने,
जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह…!!
हम रोने पे आ जाएँ तो दरिया ही बहा दें,
शबनम की तरह से हमें रोना नहीं आता…
मुक्कम्मल ज़िन्दगी तो है,
मगर पूरी से कुछ कम है।
अख़बार का भी अजीब खेल है,
सुबह अमीरों की चाय का मजा बढाती है,
रात में गरीबों के खाने की थाली बन जाती है।
ज़िन्दगी को समझने में वक़्त न गुज़ार,
थोड़ी जी ले पूरी समझ में आ जायेगी।
गर आदमी की नियत बुरी है समझो ,
जमाने में हैसियत उसकी बहुत बड़ी है
देख कर मुझे गुम हो गई ”
मुझ में परछाई ने मेरे अँधेरा देख लिया
मैं ख्वाहिश बन जाऊँ और तू रूह की तलब
बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मोहब्बत बनकर.
रंग उन अनकही बातो का
आज भी हरा है
जाने कितने पतझड बीत गये….
मोहब्बत सिर्फ देखने से नहीं,
कभी कभी बातो से भी हो जाती है…