तेरे गुरूर को

तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने,

जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह…!!

अख़बार का भी

अख़बार का भी अजीब खेल है,
सुबह अमीरों की चाय का मजा बढाती है,
रात में गरीबों के खाने की थाली बन जाती है।