भूलना सीखिए जनाब
एक दिन दुनिया भी यही करने वाली है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
भूलना सीखिए जनाब
एक दिन दुनिया भी यही करने वाली है|
कुछ तो है जो बदल गया
जिन्दगी में मेरी…
अब आइने में चेहरा मेरा
हँसता हुआ नज़र नहीं आता
कहाँ ये जानते थे
कि
रस्में उल्फ़त कभी यूँ भी निभानी होगी,
तुम सामने भी होंगे और…
हमें नज़रे झुकानी होगी
बड़ी बेअदब है जुल्फें आपकी,हर वो हिस्सा चूमती है जो ख्वाहिश है मेरी !!
सहम सी गयी है ख्वाइशें..
जरूरतों ने शायद उनसे….ऊँची आवाज़ में बात की होगी।
होता है अगर तो होने दो, मेरे क़त्ल का सौदा,मालूम तो हो, बाज़ार में क्या कीमत* है मेरी..
लतीफे छेड़ कर मैं अपनी माँ को जब हंसाता हूँ
मुझे महसूस होता है कि जन्नत मुस्कुराती है
हो सके तो रहना… तुम साथ मेरे हो बुरे या अच्छे… हालात मेरे
कभी साथ बैठो तो कहूँ क्या दर्द है मेरा..अब तुम दूर से पूछोगे तो सब बढ़िया ही कहूँगा…
कहाँ मिलता है कोई दिल से चाहने वाला जनाब
यहाँ समझोतों पर सब रिश्ते चल रहे है|