सिर्फ हम ही नहीं परेशान याद में
उनकी,
काजल तो उनकी आँखों का भी कुछ
बिखरा सा लगता हैं !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सिर्फ हम ही नहीं परेशान याद में
उनकी,
काजल तो उनकी आँखों का भी कुछ
बिखरा सा लगता हैं !!
आज इतना ज़हर पिला दो की मेरी साँस ही रुक जाये,
सुना है साँस रुकने पर बेवफा भी देखने आती है ।
कौन देता है उम्र भर का सहारा लोग तो जनाजे में भी कंधे बदलते रहते हैं
भूलना भी एक नेमत ही है खुदा की…….!!
वरना उसकी यादें तो पागल ही कर दें………!!!
दिल के दरवाजों को हमेशा ही खुला रखता हुँ,
कहा है उसने
“देर लगेगी पर आयेंगी जरूर”
अगर होता है इत्तेफ़ाक, तो यूँ क्यों नहीं होता !!
_______तुम रास्ता भूलो…और मुझ तक चले आओ..
वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी………!
ये रूहानी मुहब्बत है कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाये………!
मंजर का पसमंजर देख सहरा बीच समंदर देख……….!
एक पल अपनी ऑंखें मूंद एक पल अपने अंदर देख…………!
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी ……
फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं लोग …. ?
ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है तो मेरा लहू लेले,
यू कहानिया अधूरी न लिखा कर