चाँद भी झांकता है

चाँद भी झांकता है अब खिड़कियों से,मेरी तन्हाइयों का चर्चा अब आसमानों में है !!

हसरतें जिद्दी औलाद सी

हसरतें जिद्दी औलाद सी होती है… और जिंदगी मजबूर माँ सी..!

किस जगह रख दूँ

किस जगह रख दूँ मैं तेरी याद के चराग़ को कि रोशन भी रहूँ और हथेली भी ना जले।

तमन्ना बस इतनी है

तमन्ना बस इतनी है अफ़सोस हो तुम्हें.. छोड़ा है तुम ने बहुत आसानी से मुझे..

मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ..

मैं तेरा कुछ भी नहीं हूँ.. मगर इतना तो बता… देखकर मुझको… तेरे ज़हन में आता है क्या….

ना तोल मेरी मोहब्बत

ना तोल मेरी मोहब्बत अपनी दिल लगीं से, देख कर मेरी चाहत को तराजू टूट जाते हैं

अब वहां यादों का

अब वहां यादों का बिखरा हुआ मलवा ही तो है.. जिस जगह इश्क ने बुनियादे-मका रखी थी..

बद्दुआये नहीं देता

बद्दुआये नहीं देता फकत इतना ही कहता हूँ.. के जिस पर आ जाएँ दिल तेरा वो बेवफ़ा निकले..

वहाँ तक तो साथ चलो

वहाँ तक तो साथ चलो ,जहाँ तक साथ मुमकिन है , जहाँ हालात बदल जाएँ , वहाँ तुम भी बदल जाना …

आँधियों जाओ अब करो

आँधियों जाओ अब करो आराम, हम खुद अपना दिया बुझा बैठे

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