किताबों के पन्नो को पलट के सोचता हूँ,
यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात है.
ख्वाबों मे रोज मिलता है जो,
हक़ीकत में आए तो क्या बात है….
Category: व्यंग्य शायरी
खाली ज़ेब लेकर
खाली ज़ेब लेकर निकलो कभी बाज़ार में जनाब…
वहम दूर हो जायेगा इज्ज़त कमाने का…
जिसे ख़ामोश रहना आ गया
जिसे ख़ामोश रहना आ गया, समझो उसे हर हाल में ख़ुश रहना आ गया … !!
खुदखुशी करने से
खुदखुशी करने से मुझे कोई परहेज नही है,
बस शर्त ईतनी है कि फंदा तेरी जुल्फों का हो।
हम दिल के सच्चे
हम दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते हैं,
मामूली शब्दों में ही सही, कुछ खास लिखते हैं।
कुछ एहसास लिखते हैं
हम दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते हैं,
मामूली शब्दों में ही सही, कुछ खास लिखते हैं।
क्यूँ नहीं हो सकती मोहब्बत
क्यूँ नहीं हो सकती मोहब्बत ज़िंदगी में दोबारा,
बस हौसला चाहिए फिर से बर्बाद होने के लिए।
एक आकाश था
एक आकाश था
एक नदी थी
मिलना मुश्किल था
हालाँकि
पूरा का पूरा आकाश नदी में था…
लोग तलाशते है
लोग तलाशते है कि कोई फिकरमंद हो,
वरना ठीक कौन होता है यूँ हाल पूछने से?
बिखरने की आदत है
मोतियों को बिखरने की आदत है,
लेकिन धागे की ज़िद है उन्हें पिरोए रखने की।