जरुरी नहीं हर रिश्ता बेवफाई से ही खत्म हो,,,,
कुछ रिश्ते किसी की ख़ुशी के लिए भी खत्म करने पड़ते है !!
Category: व्यंग्य शायरी
मत हो उदास
मत हो उदास इतना किसी के लिए….. .
ए दिल
किसी के लिए जान भी दे देगा तो लोग
कहेंगे इसकी उम्र ही
इतनी थी…
बेनाम सा रिश्ता
बेनाम सा रिश्ता यूँ पनपा है
फूल से भंवरा ज्यूँ लिपटा है
पलके आंखे, दिया और बाती
ऐसा ये अपना रिश्ता है.!!!!
सुना है तुम
सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो,
मुझे भी अपनी जिद्द बना
लो.
कौन कहता है
कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नहीं होता
एक भी छलक जाए तो मन हल्का हो जाता है…
उम्र जाया कर दी
उम्र जाया कर दी
औरों के वजूद में नुक़्स निकालते निकालते…
इतना खुद को तराशते
तो खुदा हो जाते…
क्या लूटेगा जमाना
क्या लूटेगा जमाना खुशियों को
मेरी..
मैं तो खुद अपनी खुशियाँ दूसरों पर लुटा कर जीता हूँ….
बच्चे मेरे गली के
बच्चे मेरे गली के बहुत ही शरारती हैं,
आज फिर तुम्हारा नाम मेरी दीवार पर लिख गये..
जब से वो मशहूर हो गये हैं
जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…
क्या ऐसा नही हो सकता …
क्या ऐसा नही हो सकता …..
हम प्यार मांगे, और तुम गले लगा कर कहो….
“और कुछ”